बंगाल में बिखरा ‘INDIA’ का कुनबा, ममता ने अधीर से चुकता किया हिसाब; राजनीतिक पिच पर ‘पठान’ की हुई एंट्री

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज होती जा रही है। सभी पार्टियों एक दूसरे को नीचा दिखाने में और राजनीतिक बयानबाजी करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की तैयारी का आलम यह है कि बीजेपी, कांग्रेस और अब टीएमसी ने भी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

टीएमसी की सूची जारी होने के साथ ही बंगाल में सभी विपक्षी पार्टियों (INDIA गठबंधन) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावनाओं और अटकलों पर विराम लग गया है। टीएमसी की तरफ से जो सूची जारी हुई है, उसमें प्रदेश की सभी 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। खास बात यह है कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार अधीर रंजन के खिलाफ टीएमसी ने इस बार मशहूर क्रिकेटर यूसुफ पठान को मैदान में उतारा है।

अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के एकमात्र बड़े नेता हैं, जो टीएमसी सुप्रीमो के खिलाफ बयानबाजी का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। हाल में संदेशखाली में टीएमसी नेताओं की ओर से कथित रूप से अनेकों महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में वे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने तक की मांग कर चुके हैं। अब टीएमसी ने जिस तरह से करीब 66% मुस्लिम आबादी वाले लोकसभा सीट से एक मुस्लिम स्टार क्रिकेटर को टिकट दिया है, उससे चौधरी की चुनावी राह में कांटे जरूर बिछ सकते हैं।

2019 के लोकसभा चुनावों और फिर 2021 के विधानसभा चुनावों के नतीजे देखें तो इस बार अधीर की चुनौती बढ़ सकती है। 2019 में ममता ने यहां मुस्लिम उम्मीदवार नहीं दिया था। तब कांग्रेस को 45.43%, तृणमूल कांग्रेस को 39.23%, बीजेपी को 10.99% और आरएसपी को 1.03% वोट मिले थे। लेकिन, 2021 में बहरामपुर का चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदला नजर आया।

बीजेपी ने भी इस बार बहरामपुर से अपना उम्मीदवार बदल दिया है। पार्टी डॉ निर्मल कुमार साहा को यहां से पहले ही उतार चुकी है। अपने नाम की घोषणा के बाद साहा ने कहा था, ‘मैं जीतने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश करूंगा, लेकिन आखिरी फैसला मतदाताओं के द्वारा लिया जाएगा।’

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